गुरुवार, 16 मई 2013

इशारों की फिक्सिंग लीग....

इशारों की फिक्सिंग लीग....


IPL जितना लोकप्रिय हुआ उतने ही विवाद इससे जुड़ते चले गए और क्रिकेट की लोकप्रियता की वजह से मैं और आप इन विवादों को भूलते भी गए। IPL एक ऐसी क्रिकेट जहां खेल के रोमांच के साथ मस्ती का तड़का होता है खिलाड़ियों के लिए भी और थोड़ा बहुत दर्शकों के लिए भी। ये ऐसी क्रिकेट है जहां बकायदा खिलाड़ियों को खरीदा जाता है टीम में शामिल करने के लिए या यूं कहें कि खिलाड़ियों को खरीद कर टीम बनाई जाती है, खिलाड़ियों की मंडी लगती है और उन्हें पैसे भी अच्छे खासे मिलते हैं। लेकिन यही खिलाड़ी ज्यादा कमाई की लालच में मैच फिक्स करने या यू कहें की स्पॉट फिक्सिंग करने से भी नहीं चूकते।
या यूं कहें कि पहले खिलाड़ी पैसे देकर खरीदे जाते हैं और फिर यही खिलाड़ी पैसे लेकर मैच का परिणाम मैच खत्म होने से पहले ही तय कर देते हैं। अगर आपकी टीम का एक भी खिलाड़ी सटोरियों के हाथों बिक गया तो समझिए की टीम की शामत आ गई। मैदान में बिके हुए खिलाड़ी आपकी आंखों के सामने इशारों-इशारों में सब कुछ कर जाएंगे लेकिन आपको पता भी नहीं चलेगा। फिक्सिंग की पूरी क्रिकेट इशारों-इशारों में खेल ली जाएगी, लेकिन आप समझेंगे की खिलाड़ी संघर्ष कर रहे हैं और मैच बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैदान क्या हो रहा है वो या तो खिलाड़ी जानते हैं या फिर सटोरिए।
बिके हुए खिलाड़ी और सटोरिए फिक्सिंग के लिए ऐसे इशारे को चुनते हैं जो कि मैदान में करना आम बात है...अगर मैं और आप भी मैदान में होते तो स्वभाविक रूप से ऐसी हरकतें करते। और इन्हीं इशारों का फायदा उठाया श्रीशांत, चंदीला, चव्हाण और उन्हें बुक करने वाले बुकी ने। इन्होंने देश को ये बता दिया कि आखिर इशारों-इशारों में फिक्सिंग कैसे होती है ?
इन्होंने पूरी दुनिया को ये बता दिया की आखिर लॉकेट चूमने, घड़ी चूमने, रिस्ट वॉच घुमाने, टीशर्ट ऊपर नीचे कर बीच मैदान में कैसे सबको अंधा बना कर लाखों की कमाई की जाती है। हलांकि ये सभी पकड़े गए, लेकिन एक बार भी जनता का दिल जरूर टूटा है, आईपीएल में अरबों की कमाई होती है, करोड़ों की रकम इधर की उधर होती, जनता की अपनी फेवरेट टीम पर टकटकी लगाए बैठे रहती है, लेकिन जब फिक्सिंग का गेम सामने आता है तो जनता का दिल टूटता है उसकी भावनाएं आहत होती हैं।
ऐसा नहीं है कि भारत में पहली बार फिक्सिंग का गेम सामने आया है, इससे पहले भी कई खिलाड़ियों पर आरोप लग चुके हैं....लेकिन अभी तक बड़ी मछली जाल में फंस नहीं पाई है..और शायद जब तक बड़ी मछली जाल में नहीं आती तब तक फिक्सिंग की ये क्रिकेट ऐसे ही खेली जाती रहेगी।

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