शनिवार, 12 जनवरी 2013

महंगाई का तड़का


सावधान-सावधान-सावधान..यूपीए टू की महंगाई मेल अपने समयानुसार चल रही है...इसकी रफ्तार और बढ़ने की पूरी संभावना है...इसलिए कृप्या ध्यान दें...इस मेल से राहत का इंतजार कर रहे यात्री बेकार ही उम्मीद लगाए बैठे है..क्योंकि इस मेल के रफ्तार के जरिए सरकार अपना खजाना भरने की उम्मीद लगाए बैठी है..और इस मेल के लिए उपयुक्त ड्राइवर भी सरकार को मिल गया है..और वो हैं पूर्व जस्टिस केलकर!

आम जनता महंगाई के बोझ तले दब रही है...दाल-रोटी के लिए पैसे-पैसे जोड़ते जोड़ते लोगों की कमर टूट रही है...लेकिन सरकार के माथे पर बल तक नहीं पड़ रहा है....कुछ दिनों पहले ही सरकार ने रेल भाड़ा बढ़ाने का ऐलान कर दिया है...और अब एलीपीजी और डीज़ल की बारी है...यूपीए सरकार पहले ही एलपीजी में लोगों को झटका दे सकती है...सरकार ने पहले रियायती सिलेंडरों की सख्या फिक्स की..और अब रियायती सिलेंडरों की कीमत भी बढ़ाने के लिए कमर कस ली है...सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब साल में छह रियायती सिलेंडर ही मिलते हैं...और बाकी सिलेंडरों पर कई रियायत नहीं मिलती...उसे बाजार भाव पर खरीदना होता है...और अब सरकार रियायती सिलेंडरों पर भी कीमत बढ़ाने जा रही है....पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने इसका ऐलान कर दिया है...पेट्रोलियम मंत्री की माने पर प्रति सिलेंडर पचास से सौ रुपए तक का इजाफा किया जाता है....यानी इसकी सीधी मार आपकी रसोई पर पड़ेगी और या आप अपने रसोई के खर्चों में कटौती करेंगे
या फिर अपने रसोई का संतुलन बनाए रखने के लिए आपको अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी..

एलपीजी तो आपके रसोई का बजट बिगाड़ने ही वाला है...तो डीज़ल ने भी आपके जेब जलाने की तैयारी कर ली है....आने वाले दिनों में जब आपको डीज़ल महंगा मिले तो आप चौंकिएगा मत...क्योंकि इसकी तैयारी अभी से कर ली गई है...पेट्रोलियम मंत्री की माने तो आने वले दिनों में डीज़ल की कीमतों में प्रति लीटर तीन रूपए तक का इजाफा हो सकता है

यानी एलपीजी के बाद रही सही कसर डीज़ल पूरी कर देगा..अगर डीज़ल की कीमतों में इजाफा होता है तो पहले ट्रांस्पोर्टेशन महंगा होगा...और इसके बाद फल फूल साग सब्जी समेत तमाम जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी....और इसका चौतरफा मार आम आदमी को झेलना पड़ेगा.....

सरकार ने केलकर समीति की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की योजना बना ली है....केलकर समिति ने अपनी रिपोर्ट में पेट्रोलियम पदार्थों की सब्सिडी कम करन की सिफारिश की थी...इतना ही नहीं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री भी कह चुके हैं कि देश के खजाने पर सब्सिडी का बोझ बहुत ज्यादा है और इसे कम करने की जरूरत है..यानी साफ है क आने वाले दिनों में महंगाई के बोझ तले जनता की कमर औऱ भी झुकेगी..और हाल फिलहाल में इससे छुटकारा मिलने की कोई उम्मीद नहीं है



1 टिप्पणी:

  1. लोकपाल विधेयक पर राज्यसभा में हुई चर्चा को याद करिए। सीबीआई की चिंता सुनिश्चित करने के लिए सदस्यों ने कितने आंसू बहाए। सीबीआई तोता है या पोपेट ये तो अब जो दल सरकार में है और जो पहले सरकार में था दोनों ही ऐसी बातें विपक्ष में होते हुए करते रहते है. जो दल सत्ता के इर्द गिर्द घूमता रहता है उनके आंसू तो कभी सूखते ही नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने ताजा टिप्पणी में सरकार से कानून में संशोधन का आग्रह किया है। अब सुप्रीम कोर्ट कानून तो बना नहीं सकता। सो वो गाहे वगाहे ऐसी टिप्पणियां करता रहता है.

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